
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। राज्य सरकार ने गाइडलाइन दरों के पंजीयन और मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। इससे भूखंड, फ्लैट और दुकानों की रजिस्ट्री अब 10 से 25 प्रतिशत तक सस्ती हो गई है। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के नए निर्णय लागू होने के बाद रजिस्ट्री की लागत में कमी आई है।
विरोध, ज्ञापन और लगातार घटती रजिस्ट्री संख्या को देखते हुए बोर्ड ने कई उपबंधों में सुधार कर मूल्यांकन गणना को सरल बनाया है। साथ ही जिलों की मूल्यांकन समितियों को 31 दिसंबर तक नए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
नए प्रविधानों के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक की जमीन पर लागू इंक्रीमेंटल आधार की अतिरिक्त गणना समाप्त कर दी गई है। नगर निगम में 50 डेसिमल, नगरपालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक की जमीन पर सीधे स्लैब रेट लागू होंगे, जिससे छोटे भूखंड खरीदने वालों को सीधी राहत मिलेगी। \
अब सुपर बिल्ट-अप एरिया की जगह केवल बिल्ट-अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन होगा। इससे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क दोनों में कमी आएगी। बहुमंजिला भवनों में बेसमेंट और पहली मंजिल पर 10 प्रतिशत तथा दूसरी मंजिल से ऊपर की संपत्तियों पर 20 प्रतिशत कम दर से मूल्यांकन किया जाएगा। मुख्य मार्ग से 20 मीटर दूर स्थित कमर्शियल स्पेस का मूल्यांकन अब 25 प्रतिशत कम दर पर होगा, जिससे छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को फायदा मिलेगा।
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राजनांदगांव में चर्चा के दौरान जमीन की गाइडलाइन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि असली सरकार तो वही है, जो जनता के हित के लिए अपने निर्णयों को भी बदल दे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा कि सरकार को गाइडलाइन की दरों संबंधी आदेश में सुधार करना पड़ा, लेकिन यह सुधार सतही है और जनता को बहुत कम राहत देने वाला है।