
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Bhoj (open) University) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के तहत बनाए गए नए अध्यादेश 14 (1) और 14 (2) और नए पाठ्यक्रम को वर्तमान सत्र से लागू करने से इन्कार कर दिया है। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि नए अध्यादेश के तहत पाठ्यक्रम और किताबें तैयार नहीं हैं। इससे अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट के विद्यार्थियों को परेशानी हो सकती है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि स्नातक और स्नातकोत्तर के नव प्रवेशित करीब 25 हजार विद्यार्थियों को बदले पाठ्यक्रम के आधार पर सेल्फ लर्निंग मटेरियल (एसएलएम) उपलब्ध नहीं करा पाएंगे। इससे विद्यार्थियों का पूरा शैक्षणिक सत्र प्रभावित होने की आशंका है। इसलिए एक वर्ष का समय लेकर पहले पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में राज्य स्तर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्टडी के द्वारा पाठ्यक्रम तैयार होते हैं। इस सत्र के लिए विभाग ने समय पर सिलेबस जारी नहीं किए। विवि प्रबंधन का कहना है कि मुक्त विवि होने के कारण दूसरे प्रदेशों और नौकरीपेशा से जुड़े विद्यार्थी भी यहां अध्ययनरत हैं। ऐसे में विद्यार्थी अध्ययन सामग्री के लिए परेशान होंगे। इस सत्र में पूरी तैयारी कर अगले सत्र से इसे लागू किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- VIT यूनिवर्सिटी की घटना से सबक, छात्रावासों के लिए नीति बनाएगी मप्र सरकार, नोटिस जारी
परंपरागत विवि में शामिल बरकतउल्लाह विवि ने नया सिलेबस तत्काल लागू कर दिया, लेकिन पांच माह बीत जाने के बाद भी इनसे संबद्ध कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के पास पाठ्यपुस्तक नहीं हैं। सत्र 2025-26 में सभी कॉलेजों में प्रवेशित अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट के साढ़े चार लाख से अधिक विद्यार्थियों के पास पाठ्य पुस्तकें नहीं हैं। वे उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड ई-कंटेंट से पढ़ाई कर रहे हैं।
भोज विवि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू है, लेकिन यूजी व पीजी में लागू नए अध्यादेश 14(1) और 14(2) के तहत बदलाव को इस सत्र से लागू करना मुश्किल है। इसका कारण यह है कि पाठ्यक्रम तैयार नहीं है। वर्ष 2026-27 से नए अध्यादेश लागू किए जाएंगे।
- डॉ. रतन सूर्यवंशी, निदेशक, भोज विवि