एंटरटेनमेंट डेस्क। टीवी और फिल्म अभिनेत्री श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) ने साल 2007 में अपने पहले पति राजा चौधरी से अलग होने के बाद बेटी पलक तिवारी (Palak Tiwari) की अकेले परवरिश की।
एक सिंगल मदर के रूप में श्वेता ने न सिर्फ बेटी को प्यार दिया बल्कि अनुशासन और जिम्मेदारी भी सिखाई। इसके लिए उन्होंने पलक के जीवन में कुछ खास नियम तय किए थे।
श्वेता बताती हैं कि उन्होंने पलक की पॉकेट मनी लिमिट कर रखी थी। अगर पलक को अतिरिक्त पैसे चाहिए होते तो उसके लिए घर के काम करने पड़ते थे।
उन्होंने कामों की एक पूरी लिस्ट बनाई थी, जैसे-
बाथरूम साफ करने पर - 1000 रुपये
बर्तन धोने पर - 1000 रुपये
बेड साफ करने पर - 500 रुपये
इस तरह पलक ने घर के काम करके मेहनत की अहमियत सीखी।
श्वेता कहती हैं कि जब पलक को पहला मोबाइल मिला तो वह कॉलेज में थी और 16 साल की उम्र में उसे अपना मेकअप बॉक्स दिया गया। वह बताती हैं, 'मैंने उसके खर्च की सीमा तय कर रखी थी। पॉकेट मनी से ज्यादा चाहिए तो काम करना होगा।'
आज भी श्वेता अपनी बेटी की कमाई का एक हिस्सा सीधे निवेश करती हैं। 'मैं एक निश्चित राशि उसके पास रहने देती हूं, बाकी निवेश कर देती हूं ताकि उसका भविष्य सुरक्षित हो।'
श्वेता तिवारी ने यह भी खुलासा किया कि कई बार वह पलक की लोकेशन ट्रैक करती थीं। वह बताती हैं, 'मुझे उसकी सुरक्षा की चिंता रहती थी। पलक ड्रिंक नहीं करती, लेकिन उसके आसपास के लोग कर सकते हैं। इसलिए मां होने के नाते मुझे यह कदम उठाना पड़ता था।'