
एंटरटेनमेंट डेस्क। अक्सर यह माना जाता है कि महिलाओं के चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ नहीं आती, लेकिन हकीकत इससे अलग है। हर महिला के चेहरे पर बाल होते हैं, फर्क सिर्फ इतना होता है कि सामान्य स्थिति में ये बहुत हल्के और महीन रोएं की तरह होते हैं। जब ये बाल मोटे, सख्त और गहरे रंग के होने लगते हैं, तब यह समस्या साफ नजर आने लगती है।
समाज में इसे लेकर कई तरह की गलत धारणाएं हैं। लोग इसका मजाक उड़ाते हैं, जबकि यह महिलाओं के लिए मानसिक रूप से काफी तकलीफदेह हो सकता है। इस वजह से आत्मविश्वास भी प्रभावित होता है। दरअसल, इसके पीछे शर्म की नहीं बल्कि हार्मोनल असंतुलन और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं की भूमिका होती है।
महिलाओं के शरीर में भी पुरुष हार्मोन, जिन्हें एंड्रोजन कहा जाता है, थोड़ी मात्रा में बनते हैं। इनमें टेस्टोस्टेरोन सबसे प्रमुख है। जब किसी कारण से एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, तो चेहरे, छाती या पीठ पर मोटे और काले बाल उगने लगते हैं। यह हार्मोन ओवरी और एड्रिनल ग्लैंड से निकलता है।
महिलाओं में दाढ़ी-मूंछ बढ़ने का सबसे आम कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) माना जाता है। लगभग 70–80 प्रतिशत मामलों में यही वजह होती है। पीसीओएस में ओवरी में छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं, जिससे एंड्रोजन हार्मोन ज्यादा बनने लगता है। इसके साथ अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, वजन बढ़ना और बालों से जुड़ी समस्याएं भी दिखती हैं। मोटापा भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।
PCOS के अलावा मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव, कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट और एड्रिनल ग्लैंड से जुड़ी बीमारियां भी महिलाओं में दाढ़ी-मूंछ बढ़ने की वजह बन सकती हैं।
अगर चेहरे पर जरूरत से ज्यादा बाल बढ़ रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। ब्लड टेस्ट के जरिए हार्मोन लेवल की जांच की जाती है। इलाज में दवाएं, लेजर हेयर रिमूवल और लाइफस्टाइल में बदलाव मददगार हो सकते हैं। वजन नियंत्रित रखना और संतुलित आहार लेना भी काफी फायदेमंद होता है।
खराब दिनचर्या और अनहेल्दी खान-पान भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और तनाव कम करना हार्मोन बैलेंस करने में मदद करता है।
अगर किसी महिला को दाढ़ी-मूंछ की समस्या है, तो उसका मजाक बनाना बिल्कुल गलत है। यह एक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है। ऐसे में जरूरत है सहानुभूति और सपोर्ट की, ताकि वह खुद को सहज महसूस कर सके।