नदईनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अयोध्या बायपास स्थित जिंदल अस्पताल में इलाज के दौरान 24 वर्षीय युवती की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने चार महीने बाद इलाज में लापरवाही का जिम्मेदार ठहराते हुए अस्पताल प्रबंधक समेत डॉक्टरों और नर्स पर केस दर्ज किया है। युवती घुटने की सर्जरी के लिए एक मई को अस्पताल में भर्ती हुई थी।
सर्जरी के बाद एनेस्थीसिया का असर कम हुआ तो घुटने का दर्द बढ़ा था। इस दौरान युवती लंबे समय तक तड़पती रही, लेकिन किसी डॉक्टर ने उसकी सुध नहीं ली। नतीजन उसे समय पर सही इलाज मुहैया नहीं मिल पाया, जो अंतत: उसकी मौत का कारण बना।
तब युवती के स्वजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही और गलत इलाज करने का आरोप लगाया था। अयोध्या नगर पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी समेत सभी साक्ष्यों को एकत्रित कर उसे स्वास्थ्य विभाग को सौंपा था। स्वास्थ्य विभाग की गठित समिति ने सभी पहलुओं पर जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की, जिसमें अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टरों को दोषी माना। उनकी अनुशंसा पर शुक्रवार रात को पुलिस ने केस दर्ज किया है।
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जानकारी के अनुसार 24 वर्षीय शालू यादव करोंद क्षेत्र की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहकर आइटीपार्क स्थित एक कॉल सेंटर में नौकरी करती थी। युवती के जीजा सतीश यादव ने बताया कि करीब एक साल पहले उसे एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिससे उसके घुटने पर चोट लगी थी। जिस स्थान पर घाव था वहां खून का थक्का जम गया था।
उसी के इलाज के लिए शालू जिंदल अस्पताल गई थी। वहां डॉक्टरों ने लेजर सर्जरी का उपचार बताया था। एक मई को करीब 11 बजे उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था। दोपहर में उसकी सर्जरी पूरी हो गई थी। शाम को एनेस्थीसिया का असर कम होने पर अचानक दर्द बढ़ा था और फिर कुछ बाद उसकी मौत हो गई थी।