
नईदुनिया, भोपाल: ब्राह्मण बेटियों को लेकर कथित रूप से असभ्य टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के पदोन्नत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी एवं अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रदेश अध्यक्ष संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अब केंद्र सरकार की भूमिका अहम हो गई है। राज्य शासन ने उनके बयान पर हो रहे विरोध और राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में पदोन्नति के दौरान कथित फर्जीवाड़े के मामले में केंद्र को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। हालांकि, केंद्र को सीधे तौर पर किसी कार्रवाई की संस्तुति नहीं भेजी गई है।
ऐसे में संभावना है कि केंद्र सरकार संतोष वर्मा के मामले में निर्णय लेने से पहले विस्तृत रिपोर्ट तलब करे। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्मा की पदोन्नति से संबंधित पूरी फाइल को दोबारा खोल लिया है। विभाग उनके द्वारा पदोन्नति के लिए किए गए सभी पत्राचार की गहन समीक्षा कर रहा है।
ब्राह्मण बेटियों को लेकर दिए गए बयान के बाद मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में हुए विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने वर्मा के खिलाफ तीन स्तरों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। सबसे पहले असभ्य टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। इसके साथ ही उन्हें उप सचिव कृषि के पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ कर दिया गया है, जहां फिलहाल उन्हें कोई दायित्व नहीं सौंपा गया है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार को पत्र भेजकर राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नति के दौरान हुए कथित फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई है और इस पर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DOTP) संतोष वर्मा से जुड़ी नियुक्ति को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांग सकता है। इसी वजह से पूरी फाइल का विस्तार से अवलोकन किया जा रहा है।
फाइल में वर्मा से संबंधित सभी पत्राचार, इंदौर पुलिस की रिपोर्ट, शिकायतकर्ता महिला का आवेदन, न्यायालय में लंबित प्रकरणों का विवरण शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा, असभ्य बयान को लेकर जारी किया गया नोटिस, उस पर वर्मा का जवाब और विभागीय जांच के तहत जारी आरोप पत्र को भी संकलित किया जा रहा है, ताकि केंद्र सरकार द्वारा मांगे जाने पर सभी दस्तावेज तत्काल उपलब्ध कराए जा सकें।