सौरभ सोनी, भोपाल। इंदौर की हुकुमचंद मिल की 42 एकड़ भूमि पर निर्माण के लिए .5 अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) दिया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा।
इससे वर्तमान एफएआर दो से .5 अतिरिक्त एफएआर पर निर्माण किया जा सकेगा। 33 साल पहले दिसंबर 1991 से बंद हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनके हक का पैसा मिलने के बाद मिल की 42 एकड़ भूमि पर व्यावसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट लाए जाएंगे।
इंदौर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के बीच इस भूमि को लेकर एक एमओयू हो चुका है। जिसके तहत इंदौर नगर निगम ने हाउसिंग बोर्ड को भूमि का स्वामित्व दे दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर हाउसिंग बोर्ड 425 करोड़ रुपये बैंक खाते में जमा कर चुका है।
उनमें से हुकुमचंद मिल के 5,895 में से 4,200 मजदूरों व उनके परिवारों को 218 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शेष राशि बैंक व अन्य देनदारों को दी जा रही है। अब हाउसिंग बोर्ड हुकुमचंद मिल की भूमि पर ग्रीन सिटी डेवलप करेगा।
राज्य सरकार ने हुकमचंद मिल की भूमि नगर निगम इंदौर को सौंप दी थी और श्रमिकों को उनके हक की राशि भुगतान करने के लिए कहा।
नगर निगम ने हाउसिंग बोर्ड के साथ अनुबंध किया और भूमि पर हाउसिंग बोर्ड नया प्रोजेक्ट लाने के लिए राजी हो गया। पहले मिल की भूमि का लैंडयूज औद्योगिक था, बाद में उसे बदलकर व्यापारिक व आवासीय किया गया। अब यहां नए प्रोजेक्ट के तहत निर्माण किया जाएगा।
वर्तमान में भूमि पर निर्माण के लिए दो एफएआर है। कैबिनेट से प्रस्ताव स्वीकृति होने पर .5 एफएआर मिलता है तो 12 मंजिला की जगह हाउसिंग बोर्ड 16 मंजिला इमारत बना पाएगा। इसमें व्यवसायिक और आवासीय इमारत अलग होगी।
विकसित क्षेत्र में पार्क, मंदिर और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप निर्माण कार्य किया जाएगा। फरवरी माह में मप्र हाउसिंग बोर्ड टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर लेगा। बोर्ड ने वर्ष 2028 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।