
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न प्रकरणों में सरकार की ओर से मजबूती से अपना पक्ष रखा जा सके, इसके लिए अब मध्य प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी की डिजिटल कुंडली बनाई जाएगी। प्रदेश में साढ़े सात लाख कर्मचारियों का डिजिटल डेटा तैयार किया जाएगा। इसमें हर एक कर्मचारी की ज्वॉइनिंग से लेकर सेवानिवृत्ति तक का रिकार्ड सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के पास रहेगा।
दरअसल, मध्य प्रदेश में छह लाख छह हजार 876 नियमित कर्मचारी है। इसके अलावा संविदा कर्मचारी भी है। इनमें से एक लाख से अधिक ने पदोन्नति, वरिष्ठता, वेतन वृद्धि, वेतनमान और समयमान वेतन के निर्धारण से जुड़े सरकार के विरुद्ध हाई कोर्ट में केस लगा रखे हैं। कई बार न्यायालय इन प्रकरणों में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत कर लेता है। न्यायालय में सरकार की किरकिरी न हो और प्रतिकूल स्थिति न बने, इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी की कुंडली तैयार की जाएगी। बता दें कि न्यायालयीन प्रकरणों में सरकार हर वर्ष करोड़ रुपये व्यय करती है।
इस व्यवस्था से अधिकारी हो या कर्मचारी उसकी सेवा संबंधी कोई मामला है तो उसका निराकरण सरकार के स्तर पर ही किया जाएगा। मामले का निपटारा न होने पर कर्मचारी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। अभी तक सरकार के पास कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड संबंधी एकजाई डेटा नहीं है। केवल वित्त विभाग के पास ट्रेजरी से वेतन पाने वाले कर्मचारियों की जानकारी है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) का एक पोर्टल बनवाया है। जिसमें कर्मचारियों के अवकाश, सीआर, स्थानांतरण, पदोन्नति की जानकारी इकट्ठा कर एकल डेटाबेस संधारित किया जाएगा। पोर्टल में डेटाबेस कर्मचारियों का रिकॉर्ड दर्ज होने से कर्मचारियों की जानकारी सरकार के पास होगी। इसके अलावा विभागाध्यक्ष कार्यालयों, कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। कर्मचारियों की सीआर, विभागीय जांच, अनुकंपा नियुक्ति और सेवा समाप्ति से संबंधित मामलों का ऑनलाइन ही निराकरण किया जाएगा।
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एमपी सामान्य प्रशासन विभाग अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने कहा कि शासकीय सेवकों का एकजाई डेटा संधारित किया जा सके, इसके लिए मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) पोर्टल बनवाया है। इसे मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर लागू करा रह हैं। न्यायालयीन प्रकरणों के अलावा अन्य कार्यों में यह उपयोगी होगा।