
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। 20 माह की उलझन के बाद रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कर दिया कि इंदौर में बंगाली से खजराना चौराहे के बीच मेट्रो भूमिगत (अंडरग्राउंड) होगी। यहां से एयरपोर्ट तक मेट्रो का हिस्सा भूमिगत होगा। बंगाली से एमजी रोड तक 3.5 किमी हिस्से को भूमिगत करने पर 865 करोड़ रुपये का जो अतिरिक्त खर्च आएगा, उसे राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने इंदौर के ब्रिलियंट कंवेशन सेंटर में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई। इसके अलावा बीआरटीएस हटाए जाने के बाद एबी रोड पर एलआइजी से नौलखा चौराहे तक प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है।
इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन का दायरा भी अब 9,989 से बढ़ाकर 14,550 वर्गकिमी कर दिया गया है। ऐसे में अब रतलाम के पास दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तक मेट्रोपालिटन रीजन का दायरा होगा। इस विस्तार से पीथमपुर के लिए बदनावर के पीएम मित्रा पार्क सहित रतलाम का औद्योगिक क्षेत्र भी जुड़ जाएगा। इससे उद्योगों के साथ लाजिस्टिक्स को गति मिलेगी।
फोटो- खजराना से बंगाली के बीच मयूर हॉस्पिटल से लगी हुई जमीन पर अंडरग्राउंड होगी मेट्रो।
यह चौथा मौका है, जब मेट्रोपालिटन एरिया का दायरा बढ़ाया गया है। अभी इसमें इंदौर, उज्जैन, देवास, धार व शाजापुर ही अब तक शामिल थे। अब इसमें रतलाम के पास खाचरोद तक हिस्सा शामिल होगा। शाजापुर से मक्सी तक का हिस्सा शामिल होगा। इस तरह इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन भोपाल के मेट्रोपालिटन रीजन वाले आष्टा व सीहोर वाले हिस्से से जुड़ जाएगा।
मेट्रो : 48 माह टेंडर में लगेंगे 2030 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
भूमिगत के लिए नई एजेंसी तय करने में 48 माह लगेगा। इंदौर में 31.32 किमी मेट्रो रिंग का प्रोजेक्ट 2030 तक ही पूरा हो पाएगा। इंदौर मेट्रो के लिए एनडीबी व एडीबी से 1600-1600 करोड़ के दो लोन लिए हैं। अब प्रदेश सरकार को 865 करोड़ का तीसरा लोन लेना होगा।
अभी 9989 वर्ग किमी के हिसाब से सिचुएशन एनालिसिस रिपोर्ट तैयार हुई। नए सिरे से 14550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का एरिया नोटिफाई होगा। सिचुएशन एनालिसिस रिपोर्ट तैयार की जाएगी। छह माह का समय लगेगा।
अब एलिवेटेड कारिडोर की डिजाइन कांट्रेक्टर पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को सबमिट करेगा। अप्रूवल के बाद काम शुरू हो सकेगा। इस बीच आगामी दिनों में कारिडोर के विस्तार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। उसमें निर्णय लिया जाएगा कि इसका कितना दायरा बढ़ाया जाए। बीआरटीएस हटने के बाद एलिवेटेड कारिडोर के हिस्से में ट्रैफिक का पुन: सर्वे किया जाएगा।
बैठक शुरू होने से पहले नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय मुख्यमंत्री मोहन यादव से बोले हमें आपने अच्छा हुआ बता दिया कि आप इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं, अधिकारी हमको चमकाते थे कि हम बैठक नहीं कर सकते। अब हम इंदौर विकास की बैठक कर सकेंगे। अब पक्का हो गया कि आप प्रभारी मंत्री नहीं हैं। मुख्यमंत्री बोले जो बांटना था बांट दिया जो नहीं बटा उसे अपने पास रख लिया।