
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पुलिस को चकमा देकर भागना अब आसान नहीं होगा। कंट्रोल रूम से अलर्ट मिलते ही पुलिस संदिग्ध वाहन के चारों पहियों को पंक्चर कर देगी। कमिश्नोरेट में ‘स्पाइक स्ट्रिप’ जैसे आधुनिक उपकरण मंगवाए गए हैं। आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने चार प्रमुख स्थानों से शुरुआत की है। यह वही उपकरण है जिसका इजराइल, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में पुलिस अत्यधिक उपयोग करती है।
स्पाइक स्ट्रिप नुकीले स्पाइक्स से बनी लंबी पट्टी है, जो सड़क पर फैलाकर रख दी जाती है। जैसे ही संदिग्ध वाहन इसके ऊपर से गुजरता है, उसके टायर पंक्चर हो जाते हैं। बड़ा गणपति पर हुए हादसे के बाद पुलिस ने स्पाइक स्ट्रिप की मांग की थी। पिछले दिनों कमेटी से सहमति मिलने के बाद चार स्पाइक स्ट्रिप खरीदी गई हैं। इस उपकरण को टायर बस्टर, नुकीली पट्टी, स्टाप स्टिक और टायर किलर भी कहते हैं।
इंदौर प्रदेश का पहला शहर है, जहां स्पाइक स्ट्रिप का प्रयोग शुरू हुआ है। सीपी के मुताबिक कई बार वाहन चैकिंग में संदिग्ध वाहन पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश करता है। स्पाइक स्ट्रिप के प्रयोग से ऐसे मौकों पर पुलिस को पीछा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पुलिसकर्मी वायरलेस सेट से प्रसारण होते ही स्पाइक स्ट्रिप फैला देंगे। सीपी ने ट्रैफिक पुलिस को इसके इस्तेमाल और बचाव का प्रशिक्षण भी दिया है।
ट्रैफिक सिग्नल तोड़कर हाई स्पीड में भाग रहे वाहन को पुलिस मौके पर ही पकड़ लेगी। पुलिस ने आधुनिक व्हीकल अरेस्ट सिस्टम मंगवाए हैं। पुलिस का दावा है कि इस सिस्टम से स्ट्रीट क्राइम, लूट, नशा सप्लायर और घटना कर भागने वाले वाहनों को आसानी से रोका जा सकेगा।