
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एक महिला सालों तक प्रताड़ित होती है, पुलिस सुनवाई नहीं करती, जबकि पुरुष महिला की शिकायत लेकर आता है और आप रिकॉर्ड पर ले लेते है। यह टिप्पणी घरेलू हिंसा के एक मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में महिला जनसुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारियों के समक्ष की।
सुनवाई में एक पीड़िता ने बताया कि पति द्वारा लगातार घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के बावजूद उसकी शिकायतों पर पुलिस गंभीरता नहीं दिखा रही है। महिला ने बताया कि पहले से ही पति पर केस दर्ज है और उसे कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है, लेकिन अब वह महिला को वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहा है। अब पति द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस ने तुरंत रिकॉर्ड में दर्ज कर ली थी। जिस पर आयोग की अध्यक्ष ने सख्त रुख दिखाया। आयोग की अध्यक्ष ने सात दिन में हत्यारों को गिरफ्तार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के द्वारा शुक्रवार को रेसीडेंसी कोठी में राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार महिला जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें एक महिला अपने पति के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने और आर्थिक सहायता नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंची। आयोग की अध्यक्ष रहाटकर ने पुलिस जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए सात दिन में गिरफ्तारी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहीं जिला प्रशासन से महिला को मुआवजा और शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए।
आयोग की अध्यक्ष रहाटकर ने बताया कि हमारे पास 164 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से कुछ का समाधान आयोग के यहां आगमन से पूर्व ही हो गया। इससे पहले संभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े कलेक्टर शिवम वर्मा, उपायुक्त (राजस्व) सपना लोवंशी सहित सभी जिलों के कलेक्टर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जन सुनवाई के दौरान घरेलू विवाद और तलाक से जुडे़ मामलों में आयोग की अध्यक्ष रहाटकर ने महिलाओं को समझाईश भी दी। उन्होंने कहा कि जिंदगी किसी एक रिश्ते या घटना से खत्म नहीं होती, जिंदगी बहुत बड़ी है, उसे नए तरीके से शुरू करें। उन्होंने कई मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से सुनकर प्रकरणों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें।
महिला जनसुनवाई में तीन तलाक का एक मामला भी पहुंचा। इंदौर में रहने वाली पीड़ित महिला ने बताया कि उनका विवाह उत्तर प्रदेश में हुआ था। मर्चेंट नेवी में नौकरी करने वाले पति ने वाटसअप पर तीन तलाक लिखकर भेज दिया और अब साथ नहीं रखना चाहते। आयोग की अध्यक्ष ने पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।
अगले दो माह में सभी जिलों में नियुक्त करें प्रोटेक्शन ऑफिसर
जिन विभागों में 10 से अधिक महिलाएं काम करती है वहां पर इंटरनल कमेटी बनाए। ब्लॉक व जिला स्तर तक यह कमेटी बनाए।
गंभीर महिला अपराध प्रकरणों पर तुरंत कार्रवाई कर आयोग को सूचित करें।
आयोग द्वारा भेजे गए शिकायती प्रकरणों पर प्रभावी कार्रवाई करे।
महिलाओं से जुड़े पारिवारिक प्रकरणों के निराकरण में काउंसलिंग कराई जाए।
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अध्यक्ष रहाटकर ने विवाह में आपसी समन्वय बनाने के लिए प्री-मेडिकल कम्युनिकेशन सेंटर शुरू करने के लिए कहा, ताकि तलाक के मामलों को रोका जा सके। इन सेंटरों में विवाह से पहले आपसी समन्वय को लेकर कार्य किया जाएगा। इसमें मनोवैज्ञानिक या मास्टर ऑफ सोशल वर्क का सहयोग लिया जाए, जो काउंसलिंग करेंगे। इस तरह के सेंटर तहसील स्तर पर शुरू किए जाए। देशभर में 100 प्री-मेडिकल कम्यूनिकेशन सेंटर बनाने पर आयोग कार्य कर रहा है।
164 शिकायतें इंदौर जिले की पहुंची थी राष्ट्रीय महिला आयोग के पास
122 का एक माह में हो चुका निराकरण
44 शिकायतों की महिला जन सुनवाई में रखा गया। इसमें 11 सेक्सुअल हैरेसमेंट, दो रेप और अटेम्प्ट टू रेप, 12 दहेज उत्पीड़न, एक एसिड अटैक की थी।
जनसुनवाई में 30 नई शिकायतें पहुंची
10 शिकायतों को आयोग की अध्यक्ष ने सुना