
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा/पुनासा। पुनासा क्षेत्र के ग्राम सक्तापुर में मंगलवार सुबह दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। सुबह करीब 5.30 बजे लगी भीषण आग ने देखते ही देखते तीन मकानों को अपनी चपेट में ले लिया।
हादसे में 50 वर्षीय सूरज राठौर की जिंदा जलने से मौत हो गई। आग पर काबू पाने के लिए छह से अधिक दमकल वाहनों के साथ ग्रामीणों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी।
ग्रामीणों के अनुसार सुबह-सुबह अधिकांश लोग गहरी नींद में थे। ग्राम सरपंच सुनील राठौर के भाई सूरज राठौर के घर से अचानक आग की लपटें और धुआं उठता देख आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आग तेजी से फैलकर आसपास के दो अन्य मकानों तक पहुंच चुकी थी। मकान पुराने, मिट्टी और लकड़ी से बने होने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया।
घर में रह रहे लोग किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल आए, लेकिन सूरज राठौर उस समय घर में अकेला सो रहा था। उसकी मां इंदौर में बेटी के घर गई हुई थी।
आग इतनी तेजी से फैली कि सूरज को संभलने या बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका और वह मकान के भीतर ही जिंदा जल गया। आग की तीव्रता के कारण कोई भी व्यक्ति घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाया।
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। सूचना मिलने पर पुलिस, तहसीलदार और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। आग बुझाने के लिए मूंदी, पुनासा, नर्मदानगर, ओंकारेश्वर और संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट से दमकल वाहन बुलाए गए।
घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। तीनों मकानों में रखा अनाज, कपड़े, बिस्तर और घरेलू सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया।
ग्रामीणों ने दमकल व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि कुछ फायर ब्रिगेड वाहनों में पाइप और मोटर पंप नहीं थे, जिससे पानी भरने में दिक्कत आई। पानी खत्म होने पर दमकल वाहन जलाशय से सीधे पानी नहीं भर सके।
मजबूरी में ग्राम पंचायत के टैंकरों और बाल्टियों से ग्रामीणों ने पानी भरकर आग बुझाने में मदद की। नर्मदानगर पुलिस के अनुसार आग लगने के कारणों और हुए नुकसान की विस्तृत जांच की जा रही है।