
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही महिला एसआइ से मिले धोखे से आहत वकील मृत्युंजय सिंह चौहान ने अपनी मां, दोस्त व अन्य परिचितों को फोन कर पूरी घटना बताई और रो-रोककर कहा कि मेरा सबकुछ लुट गया, अब जीने की चाह नहीं है। मैं खुद को खत्म कर लूंगा। मां, दोस्तों ने उसे समझाया, ढांढस बंधाया, लेकिन किसी ने नहीं सोचा कि मृत्युंजय इस तरह अपनी जीवन लीला खत्म कर लेगा। इस घटना के बाद पुलिस महकमे भी हड़कंप है।
एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, कि महिला एसआइ व आरक्षक के बीच गलत संबंध तीन साल से चल रहे थे, इसकी जानकारी तीन साल से पदस्थ रहे थाना प्रभारी वरिष्ठ अफसरों को भी देते रहे, फिर भी दोनों को अलग-अलग थानों में पदस्थ नहीं किया। मृत्युंजय चौहान मूलरूप से श्योपुर जिले के विजयपुर का रहने वाला था, उनकी मां शिवकुमारी खितरपाल गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। सोमवार की सुबह 9 बजे के करीब मृत्युंजय की मां के पास ग्वालियर से फोन पहुंचा।
फोन करने वालों ने खुद को मृत्युंजय का दोस्त, साथ में वकालात करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि मृत्युंजय ने खुद को घर में बंद कर लिया है, वह फोन नहीं उठा रहा, नहीं किसी तरह की आवाज घर से आ रही है। खिड़की से देखने पर घर के अंदर मृत्युंजय का पालतू कुत्ता टहलते दिख रहा था। सूचना के बाद मां शिवकुमारी ग्वालियर पहुंची और फंदे पर लटका बेटे का शव देखा हो बदहवास हो गई। होश में आते ही फूट-फूटकर रोते हुए बोली कि मेरा छोटू कहां चला गया... यह कहते, कहते फिर बेहाश हो गईं। शिवकुमारी ने भी बताया कि मृत्युंजय से आखिरी बार जब बात हुई तब यह बोल रहा था, कि मेरा सबकुछ लुट गया, अब जीना नहीं चाहता।
एसआइ प्रीती जादौन ग्वालियर के अस्पताल में इलाज करवा रही हैं। कोतवाली थाने के एसआइ अतुल सिंह को ग्वालियर भेजकर देहाती नालसी लिखवाई गई, जिस पर एफआईआर मुरैना कोतवाली में रविवार देर रात को हुई। इसमें एसआइ ने लिखवाया है, कि 12 दिसंबर की रात 10 बजे आवास पर संपर्की मृत्युंजय चौहान आया। गेट खोलते ही धक्का देकर अंदर घुसा और कहने लगा कि मुझसे शादी करो। बकौल महिला एसआइ उसने परिवार वालों से पूछकर शादी के लिए कहा, इस पर मृत्युंजय गालियां देने लगा।
टिफिन उठाकर सिर पर मारा, फिर एक तस्वीर मार दी। बचने के लिए कमरे में भागी, पीछे से मृत्युंजय ने पिस्टल निकालकर फायर करना चाहा, लेकिन फायर नहीं हुआ तो बट से सिर में मारा। तीन जगह सिर फट गया, इसके बाद लात घूसों से मारपीट करने लगा। फोन छीन लिया, उस फोन से पिता और छोटी बहन को फोन लगाकर अभद्रता की, वहां से जान बचाकर निकली और स्कूटी लेकर रात में ही ग्वालियर चली गई। वहां पिता को साथ लेकर अस्पताल में इलाज करवाया। कोतवाली पुलिस ने मुत्युंजय चौहान पर बीएनएस की धारा 115(2), 333, 331(6), 304(2), 296(a) और 351(3) के तहत मामला दर्ज किया है।
मृत्युंजय चौहान कोतवाली व सिविल लाइन थाने से लेकर सीएसपी और एसपी तक को आवेदन देकर पूरी घटना बताई थी। आवेदन एसआइ प्रीती जादौन के वाट्सअप से कई और लोगों को भी भेजा है, जिसमें लिखा है, कि ‘मेरा एसआइ प्रीती जादौन से पांच साल से अधिक समय से प्रेम संबंध है। जब वह कैलारस थाने में पदस्थ थी, तब साथ रहते थे, अब हर शनिवार को मिलते हैं। शुक्रवार 12 दिसंबर की रात 10 बजे प्रीती को सरप्राइज देने अचानक से मुरैना आया, बहुत देर में प्रीती ने गेट खोला। घर के अंदर दाखिल होते ही शराब की बदबू आई।
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किचिन की तरफ जाकर देखा तो अराफात नाम का व्यक्ति अर्धनग्न हालत में दरवाजे के पीछे छिपा था। मैंने पूछना चाहा, उससे पहले ही अराफात ने धक्का दिया और मारपीट करने लगा। प्रीती भी मारपीट करने लगी। अराफात ने सीने पर पांव रखकर गला दबाने की कोशिश की, प्रीती ने तवा फेंककर मारा। इसी दौरान मेरे हाथ में अदरक कूटने वाले खलवत्ता का खल्लर आ गया, जो अराफात के सिर में मारा। प्रीती ने तवा मारा जिससे हाथ की उंगली में चोट आई, मैं बचने के लिए चिल्लाने लगा। प्रीती कह रही थी, कि अराफात तुम भाग जाओ मैं आज इसको ठिकाने लगाती हूं।
मृत्युंजय ने आवेदन में लिखा है कि एसआइ प्रीती जादौन अवैध पिस्टल रखती है, उसने उसे अलमारी से निकाला, मेरी तरफ तान दी। जान बचाने के लिए भागा, इसके बाद प्रीती पीछे के गेट के छज्जे की रेलिंग से कंबल बांधकर वहां से नीचे उतरकर भाग गई। प्रीती का मोबाइल मेरे पास आ गया है। मेरा आवेदन तक सिविल लाइन और कोतवाली थाने में नहीं लिया गया। थाने में शिकायत के दौरान उसने वीडियो बनाया, वह भी पुलिसकर्मियों ने डिलीट करवा दी।