श्याम मिश्रा, नईदुनिया रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा में अजीब मामला सामने आया है। गांव में अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया, जिसमें लबालब पानी भरा बताया गया, लेकिन आश्चर्य की बात है कि तालाब रातों-रात गायब हो गया। मामला रीवा जिले के त्योंथर के ग्राम पंचायत पूर्वा मनीराम का है। गांव में मुनादी कराई गई है कि जो भी व्यक्ति अमृत सरोवर को खोजेगा, उसे उचित इनाम दिया जाएगा। इस मामले की तीन बार जांच हो चुकी है।
चौथी बार कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जांच के आदेश देते हुए एसडीएम से जांच प्रतिवेदन मांगा है। नईदुनिया ने जमीनी हकीकत देखी तो पता चला कि यहां पहले तालाब बना हुआ था। हाल ही में हुई अतिवृष्टि के कारण एक तरफ से तालाब फूट गया और सारा पानी बह गया। ग्रामीणों का आरोप है जिस जमीन पर तालाब बनाने का प्रस्ताव था, वहां नहीं बनाया गया। इसी को आधार बनाकर ग्रामीणों ने तालाब चोरी की शिकायत की है। यहां मौके पर तालाब की आकृति है। तालाब के एक तरफ करीब 4.5 मीटर मिट्टी की दीवार टूटी हुई है। तालाब में पानी नहीं है।
ग्रामीणों से बात की गई तो पता चला कि 18 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से मिट्टी का कटाव हुआ और तालाब का पानी बह गया। ग्राम पंचायत ने शासन की आराजी (भूमि) पर अमृत सरोवर बनाने के लिए वर्ष 2023 में प्रस्ताव तैयार कर जिला पंचायत को भेजा था। 24 लाख 95 हजार रुपये की अनुमानित लागत बताई गई थी। शिकायत हुई कि सरपंच ने निजी भूमि के कुछ भाग का इस्तेमाल कर लिया है। जिला पंचायत रीवा की टीम ने मौके पर जाकर जांच की। पूर्वा मनीराम के सरपंच धीरेश तिवारी को नोटिस जारी किया गया।
जब तक जांच पूरी होती, उसके पहले ही भूमि स्वामी शैलेंद्र तिवारी सहित अन्य तीन लोगों ने अपनी जमीन शासन को दान कर दी। जनपद पंचायत सीईओ व तहसीलदार की जांच में अमृत सरोवर का निर्माण शासन की जमीन पर होने की रिपोर्ट दी गई। शिकायतकर्ता ललित कुमार मिश्रा ने कहा कि पंचायत पूर्वा मनीराम में अमृत सरोवर बनाने का प्रस्ताव था।
वर्तमान में उस जमीन पर तालाब का निर्माण नहीं हुआ है। इसका मतलब साफ है कि तालाब चोरी हो गया। कलेक्टर ने कहा कि जो जानकारी आई है, उसके मुताबिक तालाब का निर्माण हुआ है। हाल में अतिवृष्टि के कारण अमृत सरोवर की दीवार फूट गई थी जिससे पानी बह गया। तालाब चोरी होने जैसी कोई बात नहीं है।