नईदुनिया प्रतिनिधि, सागर। पुलिस थानों में तैनात की गई डायल 112 की गाड़ियों में पायलटों की तैनाती के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। पायलटों ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए रुपये न देने पर लिस्ट में हेरफेर कर उन्हें दूर के थानों में तैनात करने का आरोप लगाया है।
बता दें, डायल 112 सेवा के तहत सागर जिले में 36 वाहन मिले हैं, लेकिन सेवा शुरू होते ही गंभीर आरोपों और विवादों में फंस गई है। पायलटों का कहना है कि उनसे मन मुताबिक लोकेशन पर पदस्थापना दिलाने के लिए मोटी रकम की डिमांड की गई। जिन्होंने पैसे देने से इनकार किया, उनकी लोकेशन बदल दी गई।
1. पायलट रंजीत दुबे ने बताया कि उनका चयन डायल 112 में हुआ है, लेकिन गोपालगंज थाने में पदस्थ पायलट बसंत मोनू तिवारी ने 40 हजार की मांग की। उसने कहा कि यह राशि सागर डीएस सर के लिए है, अगर पैसे दे दोगे, तो तुम्हें मनचाही लोकेशन मिल जाएगी। रंजीत का कहना है कि उसने पैसे देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसकी पोस्टिंग 60 किलोमीटर दूर नरयावली कर दी गई, जबकि वह सुरखी क्षेत्र का निवासी है।
2. इसी तरह पायलट राजेश उपाध्याय ने बताया कि भोपाल से एचआर द्वारा भेजी गई सूची में उनकी लोकेशन मोतीनगर थाना तय की गई थी। वह गाड़ी लेकर वहां पहुंच भी गए और आमद दर्ज करा दी, लेकिन शाम तक सूची बदल गई और उनका नाम हटा दिया गया। राजेश ने आरोप लगाया कि बसंत मोनू तिवारी ने 15 हजार रुपए की मांग की थी। पैसे न देने पर पदस्थापना ही रद कर दी गई।
3. बंडा के पायलट वीरेंद्र लोधी ने भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनकी लोकेशन बंडा-112 में थी, लेकिन अचानक उसे बदलकर बीना कर दिया गया जो उनके घर से 130 किलोमीटर दूर है। वीरेंद्र का कहना है कि उससे 30 हजार की मांग की गई थी। पैसे देने से मना कर दिया, जिसके बाद लोकेशन बदल दी गई।
सागर डायल 112 डीएस वरुण ठाकुर ने कहा कि सभी पायलटों की तैनाती सेंट्रल आफिस से की गई है। इसमें मेरा कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी ने पहले ही सभी को बता दिया था। प्रारंभिक तौर पर अभी व्यवस्थाएं बनाने के लिए पायलटों को तैनात किया गया है। जिसे जो भी परेशानी हो, उससे आवेदन मांगे गए हैं।