
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन: मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्थित मौलाना मौज की दरगाह परिसर में हनुमान चालीसा पाठ किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो में एक भगवाधारी व्यक्ति सहित कई लोग सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के इंटरनेट पर व्यापक प्रसार के बाद दरगाह कमेटी को इसकी जानकारी मिली, जिस पर कमेटी के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई है।
दरगाह कमेटी का कहना है कि संबंधित लोगों ने दरगाह पर चादर चढ़ाने और कव्वाली कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी। हनुमान चालीसा पाठ की जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। कमेटी के अनुसार 12 दिसंबर को हनुमान अष्टमी के अवसर पर साधु ‘बम बम भोले’ ने मौलाना मौज की दरगाह पर चादर चढ़ाने की अनुमति ली थी।
साथ ही यह भी बताया गया था कि कव्वाली का आयोजन किया जाएगा।दरगाह कमेटी ने यह मानते हुए अनुमति प्रदान की थी कि धार्मिक स्थल पर सभी धर्मों के लोग आस्था रखते हैं। जब संत दरगाह पहुंचे, उस समय तक कमेटी के लोग मौजूद थे। उनके लौटने के बाद परिसर में क्या गतिविधियां हुईं, इसकी जानकारी कमेटी को नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भगवाधारी व्यक्ति के साथ बड़ी संख्या में भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति मुस्लिम वेशभूषा में भी बैठा दिखाई देता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि दरगाह कमेटी को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी वीडियो वायरल होने के बाद ही कैसे मिली।
एक साधु ने दरगाह पर चादर चढ़ाने की अनुमति मांगी थी। कव्वाली कराने को कहा था। दरगाह एक धार्मिक स्थल है। यहां पर कई आस्थावान आते हैं। यह देखते हुए कमेटी ने अनुमति दी थी। अनुमति मिलने के बाद साधु के साथ कुछ लोग अंदर गए थे। इसके बाद परिसर में क्या गतिविधि हुई, इसकी जानकारी नहीं है।
--इरफान अहमद, उपाध्यक्ष, दरगाह कमेटी