
डिजिटल डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संगठन में बड़े बदलाव करते हुए बिहार इकाई की कमान अनुभवी नेता संजय सरावगी (Sanjay Sarawagi) को सौंप दी है। पार्टी ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की जगह सरावगी को यह जिम्मेदारी दी है। इससे पहले नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया था। लगातार हो रही इन नियुक्तियों से साफ है कि बीजेपी बिहार में संगठन को नए सिरे से धार देने में जुटी है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक संजय सरावगी को संगठन और सरकार दोनों का लंबा अनुभव है। यही वजह है कि नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
संजय सरावगी की राजनीति की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई। छात्र जीवन में ही वह सक्रिय राजनीति में उतर गए थे। 1990 में समस्तीपुर में लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान उन्हें 15 दिन जेल भी जाना पड़ा। इसके बाद 1995 में उन्होंने बीजेपी की औपचारिक सदस्यता ली और युवा मोर्चा के जरिए संगठन में आगे बढ़ते गए।
सरावगी ने चुनावी राजनीति में पहला कदम नगर निगम पार्षद के रूप में रखा। वर्ष 2000 में वह दरभंगा नगर निगम से पार्षद चुने गए और 2002 में दोबारा जीत दर्ज की। 2005 में बीजेपी ने उन्हें दरभंगा नगर सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा और यहीं से उनका राजनीतिक कद तेजी से बढ़ा।

वह फरवरी 2005, नवंबर 2005, 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार जीत दर्ज करते हुए छह बार विधायक बने। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें मंत्री भी बनाया गया। मंत्री पद की शपथ मैथिली भाषा में लेकर वह खासा चर्चा में आए थे।
28 अगस्त 1969 को दरभंगा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे संजय सरावगी के पिता का नाम परमेश्वर सरावगी है। वह दरभंगा के गांधी चौक क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है और एमकॉम व एमबीए की पढ़ाई की है। इसके अलावा वह महात्मा गांधी कॉलेज की शासी निकाय के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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वैश्य समुदाय से आने वाले संजय सरावगी को मिथिला और दरभंगा क्षेत्र में बीजेपी का मजबूत चेहरा माना जाता है। व्यापारी वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अपने पारंपरिक कोर वोट बैंक वैश्य समाज को एक स्पष्ट सियासी संदेश दिया है। कुल मिलाकर, संजय सरावगी की ताजपोशी से बीजेपी ने बिहार में संगठन को मजबूत करने और आगामी राजनीतिक चुनौतियों के लिए जमीन तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।