
डिजिटल डेस्क। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच केंद्र सरकार लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है। यह नया बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा(MGNREGA replacement bill) की जगह ले सकता है। सरकार की ओर से इस प्रस्तावित कानून से जुड़े दस्तावेज लोकसभा सांसदों को सौंपे जा चुके हैं।
नए विधेयक का नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) रखा गया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को 15 से 19 दिसंबर के बीच लोकसभा की कार्यवाही में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। आइए जानते हैं इस नए बिल की पूरी जानकारी
क्या है G RAM G?
केंद्र सरकार मनरेगा की जगह जिस नए कानून को लाने जा रही है, उसे आसान भाषा में VB G RAM G कहा जा रहा है। इसका पूरा नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) है। इस बिल को लोकसभा में पेश किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
नए कानून से क्या बदलेगा?
सरकार के मुताबिक, यह विधेयक विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। अभी मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है, जबकि नए बिल में इसे बढ़ाकर 125 दिनों तक करने का प्रस्ताव है। सरकार का मानना है कि मनरेगा पिछले 20 वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अहम योजना रही है, लेकिन अब इसमें बदलाव की जरूरत है।
संसद में पेश होने की संभावना
इस विधेयक की एक प्रति लोकसभा सांसदों को पहले ही दी जा चुकी है। अगर यह बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है, तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 को रद कर दिया जाएगा और उसकी जगह यह नया कानून लागू होगा। माना जा रहा है कि इससे ग्रामीण रोजगार की नई परिभाषा तय की जाएगी।
सरकार क्यों कर रही बदलाव?
विधेयक के सामने आते ही राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी देश और दुनिया के महानतम नेताओं में से एक हैं और सरकार के इस कदम का कोई स्पष्ट कारण समझ में नहीं आता।