
धर्म डेस्क। भारत में भगवान शिव के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनसे जुड़ी कई रहस्यमयी और रोचक मान्यताएं प्रचलित हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों को इनमें विशेष स्थान प्राप्त है और शास्त्रों में भी शिव मंदिरों का विस्तार से वर्णन मिलता है। आमतौर पर माना जाता है कि अधिकतर मंदिरों की स्थापना देवताओं या ऋषि-मुनियों द्वारा हुई, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा शिव मंदिर भी है, जिसके निर्माण को लेकर भूतों से जुड़ा दावा किया जाता है।
यह अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सिम्भावली क्षेत्र के दातियाना गांव में स्थित है। इसे भूतोंवाला मंदिर या लाल मंदिर के नाम से जाना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक ही रात में किया था।
खास है बनावट
मंदिर की बनावट भी इसे खास बनाती है। इसके निर्माण में केवल लाल ईंटों का इस्तेमाल किया गया है और इसमें सीमेंट या लोहे का प्रयोग नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि यह मंदिर कई हजार वर्ष पुराना है। समय-समय पर आई प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद यह मंदिर आज भी सुरक्षित खड़ा है।
लाल मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी कहानी
स्थानीय लोगों के अनुसार, भूतों ने रातों-रात मंदिर का निर्माण शुरू किया था, लेकिन सूरज निकलने से पहले शिखर का काम पूरा नहीं हो सका। अधूरा शिखर छोड़कर भूत वहां से गायब हो गए। बाद में मंदिर के शिखर का निर्माण राजा नैन सिंह ने कराया। भगवान शिव के दर्शन और इस रहस्यमयी मंदिर को देखने के लिए श्रावण मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। हालांकि, इतिहाकारों का इस मंदिर के सन्दर्भ में दूसरा मत है। वह भूतों वाले मंदिर को अफवाह मानते हैं। उनका मानना है कि इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल में किया गया था।
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