
डिजिटल डेस्क। आमतौर पर दफ्तर समय से पहले पहुंचना प्रोफेशनलिज्म की निशानी माना जाता है। ऐसे कर्मचारियों को मेहनती और अनुशासित समझा जाता है। लेकिन स्पेन से सामने आया एक मामला इस सोच को पूरी तरह उलट देता है, जहां समय से पहले ऑफिस आना ही एक महिला कर्मचारी के लिए भारी पड़ गया।
यह मामला इन दिनों सोशल मीडिया और प्रोफेशनल सर्कल्स में चर्चा का विषय बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक डिलीवरी कंपनी में काम करने वाली महिला को सिर्फ इस वजह से नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि वह रोज अपनी तय शिफ्ट से काफी पहले दफ्तर पहुंच जाती थी।
Oddity Central की रिपोर्ट के अनुसार, महिला की ड्यूटी सुबह 7:30 बजे से शुरू होती थी, लेकिन वह रोजाना 30 से 45 मिनट पहले ही ऑफिस पहुंच जाया करती थी। कंपनी प्रबंधन ने उसे कई बार स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि वह तय समय से पहले दफ्तर न आए, क्योंकि उस समय उसके पास कोई निर्धारित काम नहीं होता था।
मैनेजर का कहना था कि महिला की यह आदत कामकाज में मदद करने के बजाय ऑफिस की व्यवस्था को प्रभावित कर रही थी। बार-बार समझाने और चेतावनी देने के बावजूद जब उसने नियमों का पालन नहीं किया, तो कंपनी ने कड़ा कदम उठाया।
नौकरी से निकाले जाने के बाद महिला ने कंपनी के फैसले को गलत बताते हुए कोर्ट का रुख किया। उसका तर्क था कि समय से पहले ऑफिस पहुंचना किसी भी तरह से अनुशासनहीनता नहीं हो सकता। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया।
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सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज कर दी और कंपनी के फैसले को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी को पहले ही कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, फिर भी उसने कंपनी के तय नियमों का उल्लंघन किया। अदालत के मुताबिक, किसी भी संगठन में नियमों का पालन अनिवार्य होता है और बार-बार निर्देशों की अनदेखी करना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
इस फैसले के बाद यह मामला एक बड़ी बहस बन गया है कि क्या हर स्थिति में समय से पहले ऑफिस पहुंचना वाकई फायदेमंद होता है, या फिर कंपनी के नियम सबसे ऊपर होते हैं।