फेज: 5
चुनाव तारीख: 6 मई 2019
मधुबनी जिले की पहचान कवि कोकिल विद्यापति की जन्मस्थली और कालिदास की ज्ञानस्थली के रूप में है। विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग ने इस लोकसभा क्षेत्र को विश्व में पहचान दिलाई। 1976 से पहले यह क्षेत्र जयनगर लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। क्षेत्र की प्रमुख नदियां अधवारा समूह, धौंस और जीवछ हैं। राजनीतिक क्षेत्र में इस लोकसभा की पहचान पूर्व में वामपंथियों के गढ़ के रूप में भी रही है। यह क्षेत्र कभी कांग्रेस के कब्जे में भी रहा। बाद के चुनावों में भाजपा ने पकड़ बनाई। इस क्षेत्र से सात बार कांग्रेस ने प्रतिनिधित्व किया है। तीन बार भाकपा ने और भाजपा ने चार बार प्रतिनिधित्व किया। प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय लोकदल ने भी इस क्षेत्र का एक-एक बार प्रतिनिधित्व किया है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कई दिग्गज राजनेताओं ने किया है। इनमें कांग्रेस के डॉ. जगन्नाथ मिश्र, भाकपा के भोगेंद्र झा और चतुरानन मिश्र, कांग्रेस के ही डॉ. शकील अहमद, भाजपा के दिग्गज नेता हुकुमदेव शामिल हैं। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का विस्तार मधुबनी और दरभंगा दो जिलों में है। मधुबनी जिले के चार विधानसभा क्षेत्र बिस्फी, हरलाखी, बेनीपट्टी और मधुबनी तथा दरभंगा जिले के दो विधानसभा क्षेत्र केवटी व जाले इस लोकसभा क्षेत्र के अधीन हैं। 44 लाख, 87 हजार 379 की आबादी वाले मधुबनी में लिंगानुपात 926 है। यहां 1282 प्रतिवर्ग किलोमीटर लोगों का वास है। साक्षरता दर का औसत लगभग 60 फीसद है। वोटरों की संख्या 30 लाख 14 हजार 211 है। यहां के सभी सरकारी भवनों को मधुबनी पेटिंग से सजाया गया है। इसकी देशभर में चर्चा रही। समाहरणालय, अतिथिगृह व स्टेशन को आकर्षक रूप दिया गया है। विकास और स्थानीय मुद्दे यह क्षेत्र अभी भी विकास के लिए तरस रहा है। अधिकांश भाग अभी भी रेल सेवा से वंचित है। हालांकि, मधुबनी रेलवे स्टेशन को दूसरा सबसे खूबसूरत स्टेशन का दर्जा प्राप्त है। बाढ़-सुखाड़ का स्थायी निदान, बंद चीनी मिलों को चालू कराने, खादी ग्रामोद्योग को सुदृढ़ करने, रेल सेवाविहीन क्षेत्रों में रेल सेवा बहाल करने की मांग यहां की जनता लगातार अपनी सरकार और जनप्रतिनिधियों से करती आ रही है। दरभंगा तक चलने वाली ट्रेन का विस्तार जयनगर तक करने की भी लोग मांग करते रहे हैं। मधुबनी की खास बातें मधुबनी बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। यह जिला मुख्यालय भी है। इस क्षेत्र को मिथिला संस्किति का केंद्र भी माना जाता है। विश्वप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग के लिए यह क्षेत्र बेहद मशहूर है। इसे मधुबनी चित्रकला के तौर पर भी जाना जाता है। मधुबनी रेलवे स्टेशन की दीवारे मिथिला कलाकृतियों से सजी हैं। इसके अलावा यह इलाका मखाना उत्पादन के लिए भी देशभर में जाना जाता है। यह क्षेत्र प्रदेश की राजधानी पटना से करीब 190 किलोमीटर दूर है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी 1190 किलोमीटर है।