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चुनाव तारीख: 12 मई 2019
बस्ती जनपद के बारे में कभी भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा था कि बस्ती को बस्ती कहूं तो का को कहूं उजाड़। कमोबेश आज भी इस क्षेत्र की स्थिति ऐसी ही है। यूपी के पुराने जिलों में से एक है बस्ती जनपद पूर्व में संत कबीर नगर, पश्चिम में गोंडा और उत्तर में सिद्धार्थनगर से घिरा है। इसके दक्षिण में घाघरा नदी है जो फैजाबाद और आंबेडकर नगर को बांटती है। बस्ती कपड़ा उद्योग, चीनी मिलों के लिए भी जाना जाता है। डेमोग्राफी, विधानसभा और मुद्दे 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 24,64,464 है। लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की हर्रैया, बस्ती सदर, रुधौली, महदेवा और कप्तानगंज की सीट शामिल है। 1991 के चुनाव में पहली बार भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की और उसके बाद 1996, 1998 और 1999 में यहां भाजपा का ही वर्चस्व रहा। 2014 में फिर से भाजपा के खाते में आ गई और हरीश द्विवेदी यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद 2019 में भी वे एक बार फिर एमपी चुने गए। स्थानीय मुद़दे औद्योगिक विकास, बाढ़, शिक्षा, स्वास्थ्य की कमी है। बस्ती की खास बातें बस्ती, उत्तर प्रदेश का शहर और बस्ती जिला का मुख्यालय है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बस्ती जिला गोण्डा जिले के पूर्व और संत कबीर नगर के पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश का सातवां बड़ा जिला है। प्राचीन समय में बस्ती को 'कौशल' के नाम से जाना जाता था। अमोढ़ा, छावनी बाजार, संत रविदास वन विहार, भद्रेश्ववर नाथ, मखौडा, श्रंगीनारी, गणेशपुर, धिरौली बाबू, सरघाट मंदिर, केवाड़ी मुस्तहकम, केवाड़ी मुस्तहकम, नागर, चंदू ताल, बराहक्षेत्र, अगौना, पकरी भीखी आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। लखनऊ से इसकी दूरी 205 किलोमीटर है और दिल्ली से इसकी दूरी 785.5 किलोमीटर है।