फेज: 7
चुनाव तारीख: 19 मई 2019
इसका गठन देवरिया और बलिया जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर किया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में बलिया जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र बांसडीह, सिकंदरपुर, बेल्थरारोड और देवरिया जिले का सलेमपुर तथा भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र आता है। आजादी से पहले तक सलेमपुर सबसे बड़ा तहसील हुआ करता था। सलेमपुर का इतिहास काफी पुराना है। यह क्षेत्र मुस्लिम आक्रमणकारियों के आने से पहले गुप्त वंश और पाल शासकों के अधीन रहा था। घने जंगलों के कारण मुस्लिम आक्रमणकारी इस क्षेत्र में आक्रमण के लिए नहीं आ सके थे। सलेमपुर के पास से छोटी गंडक नदी गुजरती है। 2014 के चुनाव में भाजपा के रविंद्र कुशवाहा जीतकर संसद में पहुंचे। 2019 में भी जनता ने उन पर भरोसा जयाता। यह सीट छह बार कांग्रेस के खाते में रही है। विकास और स्थाई मुद्दे औद्योगिक विकास के मामले में यह क्षेत्र भी पिछड़ा है। बंद चीनी मिलें और गन्ना किसानों की समस्याएं प्रमुख स्थानीय मुद़दे हैं। सलेमपुर की खास बातें सलेमपुर, उत्तर प्रदेश का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस क्षेत्र की स्थापना 1939 में हुई थी। परशुराम धाम मंदिर यहां का प्रसिद्ध मंदिर है। बापू इंटर कॉलेज, जनता इंटर कॉलेज यहां के दो प्रमुख कॉलेज हैं। यहां गेहूं, धान, चावल, गन्ना, सरसों, आलू और कई सब्जियों जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, बैंगन की अच्छी खेती होती है। दिल्ली से सलेमपुर की दूरी 900.5 किलोमीटर है और लखनऊ से 347.3 किलोमीटर है।