फेज: 4
चुनाव तारीख: 29 अप्रैल 2019
गंगा और सई नदी के बीच पड़ने वाले उन्नाव संसदीय क्षेत्र की पहचान कलम और तलवार के धनी जनपद के रूप में होती है। पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और शहीदे आजम चंद्रशेखर, हसरत मोहानी जैसे आजादी के दीवानों ने उन्नाव को अलग पहचान दिलाई है। 2014 में सांसद साक्षी महराज ने कांग्रेस से सीट छीनकर भाजपा के पाले में की थी। इसके बाद वे 2019 में दोबारा सांसद बने। बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह दुष्कर्म के मामले में आरोपित हैं और जेल भेजे गए हैं। विकास का हाल और स्थानीय मुद्दे यह जिला विकास की दृष्टि से पिछड़ा है। तमाम गांव सड़कों से नहीं जुट पाये हैं। 55 गांव अभी भी विद्युतीकरण से अछूते हैं। यहां के मुद्दों में साफ पानी, और बेहतर स्वास्थ्य सेवा है। पानी में फ्लोराइड की समस्या दूर करने की मांग 20 सालों से हो रही है। हाईवे होने के बाद भी मुख्यालय के ट्रामा सेंटर की सौगात अभी भी अधूरी पड़ी है। शुक्लागंज अभी भी बिना सीवर लाइन के है। उन्नाव की खास बातें उन्नाव उत्तर प्रदेश का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह लखनऊ और कानपुर के बीच में स्थित है, उन्नाव ज़िला मुख्यालय लखनऊ से लगभग 60 किलोमीटर और कानपुर से 18 किलोमीटर दूर है। यह शहर अपने चमड़े, मच्छरदानी, जरदोजी और रासायनिक उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। उन्नाव अपने समोसे कचौड़ी गली चाट छोटा चौराहा में मुन्ना की चाट पाव भाजी और काला जामुन के लिए जाना जाता है। पक्षी व्याख्या केंद्र, नवाबगंज बर्ड सेंचुरी, नवाबगंज लेक यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जवाहर नवोदया विद्यालय, सरस्वती विद्या मंदिर, राम कुमार दीक्षित इंटर कॉलेज, गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज यहां के कुछ बेस्ट कॉलेज में से हैं। दिल्ली से उन्नाव की दूरी 252.7 किलोमीटर है।